तेलंगाना के जिले आदिलाबाद के सालेवाड़ा के ग्राम पंचायत में किया गया
निर्देशांके | सालेवडा के |
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स्थिति | श्री शिवलिंग स्थापित सालेवाडा के तेलंगाना |
अभिकल्पना | …………. |
प्रकार | प्रतिमा |
सामग्री | समस्ता सालेवाडा ग्राम पंचायत |
ऊँचाई | 21 फीट |
निर्माण पूर्ण | 26 फरवरी 2025 |
समर्पित | शिव मंदिर(शिवलिंग) |
प्रकृति के कण-कण में बसने वाले शिव की महिमा, उनके विराट स्वरूप का बखान सिर्फ शब्दों में नहीं हो सकता। यही वजह है कि देश-दुनिया में उनकी विशाल प्रतिमाएं बनाई गई हैं, जो सत्यम शिवम सुंदरम का संदेश देती हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही विराट शिव प्रतिमाओं के बारे में :इसे लाया गया है श्री शिवलिंग स्थापित किया है जोकि सबसे पुराना शिवलिंग सन: 1866मे पाया गाया था जोकि एक प्रमुख और महान ही मंदिर में जाते समय बाहर से चार मूर्ती कराओ में आई नई विस्नैया हैं जोकि अदभुत एकलोकिक दिकन्यमय है
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया था
श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा में बनी विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा “विश्वास स्वरूपम” का लोकार्पण महोत्सव को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही है. यह महोत्सव 29 अक्टूबर से 6 नवंबर तक आयोजित होगा. जिसमें राजस्थान सहित कई देशी विदेशी लोग शिरकत करेंगे, यह प्रतिमा 369 फीट ऊंची है, जो कि विश्व में सबसे ऊंची शिव प्रतिमा है, खास बात यह कि लोकार्पण महोत्सव में ही भक्तगणों और श्रद्धालुओं को मुरारी बापू की 9 दिवसीय रामकथा को सुनने का मौका भी मिलेगा. संत कृपा सनातन संस्थान के ट्रस्टी मदन पालीवाल ने प्रेसवार्ता कर बताया कि महादेव के इस महा महोत्सव में 9 दिन तक धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक आयोजनों की धूम रहेगी, औऱ मुरारी बापू की 9 दिवसीय रामकथा इस महोत्सव को चार चांद लगाएगी, और देश दुनियां से आने वाले लाखों श्रोता इसके गवाह बनेंगे.
पारंपरिक भारतीय अंदाज दिखता है
विश्व के दूसरे नंबर की शिव प्रतिमा कर्नाटक के मुरुंदेश्वर क्षेत्र में स्थित है। पद्मासन की मुद्रा में मुरुंदेश्वर मंदिर के बाहर स्थापित शिव प्रतिमा 123 फीट ऊंची है। यह कंडुक गिरि नाम के पर्वत पर है और तीन ओर से पानी से घिरा यह मुरुंदेश्वर मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। यह जगह अरब सागर के तट पर स्थित एक कस्बा है। इसे आर एन शेट्टी ट्रस्ट ने 1982 में बनवाया था। यह कंक्रीट से बनी है और इसे पारंपरिक भारतीय स्टाइल में बनाया गया है।