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भारतीय सेना अपनी रक्षा क्षमता में एक महत्वपूर्ण क़दम उठाने के लिए तैयार है। फरवरी 2022 में बेंगलुरु के येलहंका एयर फोर्स स्टेशन पर होने वाले एरो इंडिया 22 फरवरी को रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ी घोषणा की एएमसीए फाइटर विमान के ११०kN इंजन के लिए बड़ी घोषणा
भारत अपने महत्वाकांक्षी फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट एडवांस्ड डिफेंस कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के लिए 11kN थ्रस्ट इंजन के विकास के लिए विदेशी साझेदारी की घोषणा कर सकता है। यह परियोजना केवल नए लड़ाकू विमान बनाने के बारे में नहीं है, बल्कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस परियोजना के लिए डीड्राओ ने एक साइंटिस्ट का चयन किया, जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की दुकानें शामिल हैं। इस विमान का बड़े पैमाने पर उत्पादन 2035 तक शुरू होने की उम्मीद है। एएमएसईआई मैक्सिमा 5, यूक्रेनी फ़ुट की सोलो तक उड़ान भरने की सुविधा। यह लड़ाकू विमान भारतीय विमान और भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है। भारतीय स्टूडियो इस फाइटर एयरक्राफ्ट के सात विमान बनाने की योजना बना रही है। पहले संस्करण के बाद, एएमसीए मार्क-2 में और अधिक शक्तिशाली संयुक्त निगम इंजन बनाने की योजना है। इस संबद्धता से भारत को केवल वोल्ट इंजन प्रौद्योगिकी ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच संयुक्त अनुसंधान और विकास का अवसर भी मिलेगा। इससे भारत की अपनी विमान निर्माण क्षमता मजबूत होगी।
भारत का हितैषी कौन होगा?
कंपनी के मुताबिक, सफ्रान (फ्रांस), रोल्स-रॉयस (यूके) और जनरल इलेक्ट्रिक (यूएसए) में किसी एक विदेशी कंपनी के साथ समझौता होगा। हाल ही में, रूस ने भारत के एएमसीए प्रोजेक्ट के लिए आरडी-33 इंजन का 5वीं पीढ़ी का संस्करण प्रस्तावित किया है। इस प्रस्ताव में स्थानांतरण स्थानांतरण (टीओटी) भी शामिल है। इस परियोजना के लिए जो सबसे अच्छा समझौता समझौता, भारत उसके साथ एएमसीए इंजन अंतिम समझौता।
ऑफ़्टरबर्नर के बिना सुपरसोनिक गति से विमान की सीमा और मारक क्षमता प्रबल होती है। पिछले साल ही, सिक्योरिटी एसोसिएटेड कैबिनेट कमेटी (CCS) ने AMCA प्रोजेक्ट के पहले चरण के लिए लगभग ₹ 15,000 करोड़ मंज़ूरी दी थी। इंजन प्रोग्राम के अनुसार, इंजन प्रोग्राम के लिए अलग से धन मंजूर होने की संभावना है। 11kN इंजन विमान को बिना लगातार उच्च गति (सुपरसोनिक गति) बनाए रखने में मदद मिलेगी। इससे विमान की मार्क क्षमता और रेंज में सुधार होगा।
एएमसीए के लाभ
AMCA अमेरिकन F-35 और रूस की SU-57 की कड़ी टक्कर। देश में चौथे फ्रांस से आयातित 4.5 पीढ़ी के राफेल लड़ाकू विमान हैं। इसमें लगभग चौदह हार्डलाइट्स होंगे। यह IIIMM GSh-3 टॉप से लैस होगा। इसके साथ ही, यह S8 रॉकेट पॉड्स, एस्ट्रा मार्क-1, 2, 3, हवा से हवा में मार करने वाले एनजी-सीसीएम मिसाइल, ब्रह्मोस एनजी और रुद्रम मिसाइल से लॉन्च होंगे। एएमसीए की अधिकतम गति 2633 किमी/घंटा होगी। इसका दायरा 3240वर्ग होगा। फाइटर रेंज 1620 किमी होगी। AMCA फाइटर विमान की लंबाई 57.9 फीट होगी। एएमसीए के पन्ने 36.6 फीट होंगे, एएमसीए की किताब 14.9 फीट होगी।
इस संबद्ध से स्वदेशी शक्ति संपदा, नई प्रौद्योगिकी भागीदारी, रोजगार के अवसर का जन्म होगा और देश की स्वदेशी शक्ति स्वायत्तता होगी। देश का सबसे उन्नत स्वदेशी लड़ाकू विमान AMCA का पहला परीक्षण अगले चार वर्षों में तैयार हो जाएगा। 27 टन वजन का 5.5-पीढ़ी का एएमसीए भारत का पहला स्टेल्थ फाइटर होगा, जो प्रयोगशाला से लैस होगा। इसे इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि यह पूरी तरह से गुप्त रूप से मिसाइल ले जा सकेगा। भारत 2028 से 5.5-पीढ़ी के उन्नत लड़ाकू विमान एएमसीए की पहली उड़ान पेश करने की योजना बन रही है। हाल ही में, भारतीय वैज्ञानिकों और डीआरडीओ ने इस परियोजना के बारे में चर्चा की, जिसमें इसके रोडमैप की समीक्षा की गई। यदि इंजन का उत्पादन और अन्य आवश्यक कार्य समय पर पूरा हो गया तो पहला आयाम 2028 तक तैयार हो जाएगा। इसे पूरी तरह से विकसित और युद्ध के लिए तैयार करने में लगभग छह सात साल का समय लगा।
फ्रांस ने एएमसीए एमके-2 पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ जेट को शक्ति प्रदान करने के लिए एक नए 110KN हाई-थ्रस्ट जेट इंजन के सह-विकास के लिए प्रौद्योगिकी के पूर्ण हस्तांतरण (टीओटी) की पेशकश की है।
यह तब हुआ है जब भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की ‘राजकीय’ यात्रा के दौरान अस्सी प्रतिशत टीओटी के साथ भारत में जनरल इलेक्ट्रिक जीई एफ-414 जेट इंजन के सह-निर्माण के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।